Saturday, February 14, 2015

भारत में मौजूद कुछ विडंबनाएँ :(

राजनेता हमें विभाजित करते हैं, और
आतंकवादी हमें एकजुट ।

हरेक जल्दी में है,
लेकिन कोई समय में नही पहुंचता है ।

गीता और कुरान पर लड़ने के ज्यादातर लोग वो हैं
जिन्होने शायद उन्हे कभी पढ़ा ही नही है ।

बेटी पर शिक्षा के लिये खर्च करने से बहुत
अधिक उसकी शादी पर खर्च कर देते हैं ।

हम एक पुलिसकर्मी को देखकर सुरक्षित
नही बल्कि असुरक्षित महसूस करते हैं

भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा में,
एक व्यक्ति दहेज एक सामाजिक बुराई है के बारे में 1500 शब्द निबंध लिखते हैं।
एक साल बाद वो ही व्यक्ति एक करोड़ रुपये की दहेज की मांग इसलिये करता है,
कि वो प्रशासनिक अधिकारी है

भारतीय बहुत शर्मीले होते हैं
और 121 करोड़ को पार रहे हैं ।

स्मार्ट फोन मे स्क्रीन गार्ड और गोरिल्ला ग्लास लगवाते हैं,कि खरोंच न पड जाये,
और सिर पर हेल्मेट सिर्फ जुर्माने से बचने के लिये लगाते है

भारतीय समाज लड़कियों को सिखाता है कि ब्लात्कार से बचो,
पर ब्लात्कार न करो लड़को को, ये कोई नही सिखाता

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